बबीता जी और बापूजी।Tarak mehata ka ulata cheshama comedy story in hindi hindi script youtube viseo for free hindi
बबीता जी और बापूजी।
Note-एक कहानी एकमात्र मजाक के इसका किसी भी घटना या किसी और के नाम से कोई अगर संबंध होता है तो एक मात्र एक संयोग है। और एक कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई गई है कृपया इसको दिल पर ना लें।
आज हम स्टोरी लिखने वाले हैं बबीता जी और बाबू जी के बारे में जो कि एक टीवी पर सीरियल है जिसका नाम है। तारक मेहता का उल्टा चश्मा।
1 दिन की बात है,बापूजी जेठालाल अपने घर में बैठकर सोफे पर टीवी देख रहे थे। थोड़ी देर बाद। जेठालाल बोलता है ,मैं दुकान जा रहा हूं मुझे अपनी गड़ा इलेक्ट्रॉनिक को खोलना है। बापू जी के पैर पढ़
कर और घर से बाहर निकल जाता है।( इस कहानी में जेठालाल का कोई रोल नहीं है। जेठालाल का जितना रोल था हमने उनके यहां पर ले लिया है।)
Tarak mehata ka ulata cheshma comedy script hindi |
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तभी दया किचन से बाहर आती है। और बोलती है बाबूजी! टप्पू के पापा गए। (हंसते हुए) बापूजी कहते हैं। दया जेठा चला गया।
बापूजी चले। बापू जी कहते कहां चलना है? तभी दया बोली। अरे बाबूजी चलिए ना मैं आपको दूध के दर्शन देती हूं। अरे नहीं दया मुझे आज तुम्हारे दूध के दर्शन नहीं लेनी मुझे आज बबीता के दूध के दर्शन लेने हैं। उसके दूध की चाय है हा हा हा हा हा। मजा आ जाता है।
तुम चलो बाहर मेरे बबीता रानी का आने का समय हो गया है। अरे बापू जी आप हमेशा मेरे साथ ऐसा ही करते हो। मेरे दूध की चाय क्यों नहीं चाहिए
बापूजी कहता है अरे मैं हमेशा तुम्हारे दूध की चाय पीता रहता हूं, आज बबीता के पी ली तो क्या? ठीक है बाबूजी कहते हुए दया किचन में चली जाती है?
5 मिनट क़े बाद
टिंग टोंग दरवाजे की बेल बज रही है, बापूजी दरवाजा खोलने जा रहे हैं!
जैसे ही बापूजी दरवाजा खोलते हैं, बाबूजी को होश उड़ जाते हैं और बाबूजी बबीता जी को देखते रहते हैं! पर मन ही मन में सोचने लग जाते हैं, हाय क्या दिख रही है,
बबीता जी बोलती है, नमस्ते बापूजी मैं अंदर आ जाऊं आओ बबीता आओ बापूजी एक मन भरे स्वास में बोलते हैं. बबीता जी शर्माते हुए घर के अंदर आ जाती है और बोलती है बापू जी आप कैसे हो, बाबूजी कहता है जैसा दिख रहा हूं वैसा ही हूं, हट्टा कट्टा जवान, बाबूजी बबीता की ओर देखते हुए कहते हैं बबीता पहले से बहुत बड़े हो चुके हैं तुम्हारे| बबीता जी कहती है हां पप्पू जी आप ही का तो कमाल है| यह कहते ही बबीता जी हंसने लग जाती है जोर-जोर से और उनके साथ में बापूजी पर हंसने लग जाते हैं बापूजी को हंसते-हंसते आवाज को किचन में चली जाती है,
दूसरा seen( किचन में दया कुछ काम कर रही है)
दया मन ही मन में कुछ से बड़बड़ आने लग जाती है, करम जली कहां से आई आज मेरा नंबर था वसीला मार लिया मेरी तो आज लग गई, आज मुझे फिर से जेठा के हाथ से ही कुछ लेना पड़ेगा जेठा का ही लेना पड़ेगा, जेठा के साथ में अभी बहुत बोर हो चुकी हूं, ( दया के हाथ में गाजर है, हां अब तो इसी से काम चलाना पड़ेगा वैसे भी बापूजी तो कहीं और जा रहे हैं)
सिन चेंज हो जाता है और अब सीन है हॉल में का, जहां पर बबीता और बाबू जी बैठे हुए हैं और और एक दूसरे से बातें कर रहे हैं.
"बापू जी बोलते हैं, घर पर कौन-कौन है आज! वैसे बापूजी आज घर पर कोई नहीं है "अगर आप चाहो तो आज मेरे घर पर आ सकते हो वैसे आइए iyer आज घर आने नहीं वाला, उसे कहीं मीटिंग के लिए जाना है तो आप समझ सकते हो ना तो चलिए आज मैं आपको बहुत कड़क कड़क दूध की चाय पिलाऊंगी "अगर आप मेरे घर पर आओगे तो बहुत गरमा गरम चाय पिलाने वाली हो मैं आपको |
वैसे "भी आजकल अय्यर के साथ कोई मजा नहीं आ रहा है मैं किसी और को ढूंढ रही थी आपका तो और मेरा रिश्ता तो बहुत पुराना है फिर भी आप इतने बूढ़े होकर भी बहुत मजे देते हो|
बापू जी बोलते हैं* हां मेरी बबीता रानी अभी तुम्हारी शादी को 10 साल से के तुम्हें अभी तक बच्चे नहीं हो अगर तुम चाहो तो आज मैं तुम्हें बच्चे के लिए दूध दे दूं|
To be continue
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