अकबर की बीरबल से भेट की कहानी Part -1 hindi Story kids story hindi
अकबर बीरबल कहानी हिंदी
आज हम एक नई कहानी लिखने जा रहे हैं जिसका नाम है अकबर बीरबल? अकबर बीरबल कहानी का हमारा आज दूसरा पार्ट है?
1 दिन की बात है बादशाह अकबर? शिकार करने जंगल जा रहे हैं और जंगल जाते जाते हैं उनको एक शेर की आवाज सुनाई देते हैं। शेर की आवाज सुन के सभी सिपाही वहां से भाग जाते हैं। और बादशाह अकबर अकेला पड़ जाता है? यह बात उन दिनों की है जिस दिन अकबर का पहली बार बीरबल के साथ दोस्ती हुई थी?
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आधा एक घंटा हो जाता है फिर भी वहां पर कोई उन्हें दिखाई नहीं देता या तो इतना तो अब एक शेर दिखाई देता है ना ही कोई चीता दिखाई देता है बस शेर की आवाज सुनाई दे रही थी धीरे-धीरे सुनाई दे रही थी कोई इधर उधर देख नहीं रहा था अच्छा अकबर अकेला पड़ चुका था बादशाह अकबर के पास थी रिया कमाल कुछ नहीं था सिर्फ और सिर्फ उनकी एक तलवार थी.
बादशाह अकबर गुस्से में बोलने लग जाता है खुद से बोलता है कि मैंने निगम में शिकायत पाल के रखे कोई किसी काम का नहीं जिस वक्त मुझे जरूरत पड़ी सब वहां से भाग गए?
बादशाह अकबर जंगल में घूम जाता है वह इधर-उधर घूमता रहता है फिर अचानक से उसे एक कुआं दिखाई दे पड़ता है वहां पर उसे एक इंसान दिखाई देता है? उस इंसान को देखकर बादशाह अकबर को बहुत खुशी होती है क्योंकि ऐसे बड़े जंगल में बहुत बड़ा जंगल था उस बड़े जंगल में एक इंसान दिखना मतलब बहुत बड़ी बात थी और वहां पर उन्हें इंसान दिखाई दे जाता है?
वह दूर से उन्हें देखकर वहां तक दौड़ते दौड़ते चले जाते हैं चलते चलते उनके पास जाकर बोलता है क्या भैया आप कहां से हो इतने बड़े जंगल में क्या कर रहे हो? कोई इंसान और कोई नहीं होता है वह इंसान बीरबल ही होता है बीरबल को बादशाह अकबर तब नहीं जानते थे जिस वक्त को उनसे मिले थे उनका नाम उस वक्ता रोहित दास?
महेश दास बचपन से ही विनम्रता। बादशाह अकबर उनके पास जाकर बोलते क्या तुम यहां पर क्या कर रहे हो? मेहता स्थिति में मुसाफिर हूं और मैं यहां पर रास्ता भूल गया हूं जहांपना। अब आप सोच रहे होंगे कि बीरबल को कैसे पता चला कि यह अकबर है? क्योंकि उनका पहनावा जो था वह सीधा अकबर बादशाह की तरह तक तो महेश दास तो बहुत होशियार थे? मतलब कि हमारे बीरबल जो कि बहुत होशियार थे उन्होंने समझ लिया कि यह भाषा अकबरी है जो कि रास्ता भूल गए हैं वह उन्हें प्यार से बोलता है पानी पी लीजिए वह उन्हें पानी पिलाता है क्योंकि वह समझ गया था कि बादशाह अकबर जंगल में कब से घूम गए हैं और और रास्ता भूल गए हैं और उन्हें वह ज्यादा प्यास भी लगी? पानी पिलाने के बाद उन्हें फल खाने को देते हैं बादशाह अकबर पेट भर के फल खा लेता है फिर वहां से बोलते हैं कि हम अब यहां से कैसे निकलेंगे?
तो बादशाह अकबर खुश होकर बोलता है कि तुम्हें कैसे पता चला कि जंगल से निकलने का रास्ता उस तरफ है। महेश दास बोलते हैं। जहांपनाह सिटी से भाग के यहां पर एक खरगोश था उस खरगोश को मैंने डराया तो जब मैंने उसको डर आया तो मैंने देखा कि खरगोश उत्तर दिशा की ओर जा रहा है तो मैंने मैं तभी समझ गया था कि उत्तर दिशा की तरफ जा रहा है तो हमारा रास्ता दक्षिणी जाकर होगा क्योंकि जंगल खरगोश का घर होता है और जंगल में खरगोश घर के अंदर जाएगा तो मतलब उसके ऑपोजिट साइड में रास्ता जरूर होगा गांव का एरिया होगा इसीलिए मैंने अंदाजा लगाया है कि रास्ता इसी तरफ है। बादशाह अकबर खुश होकर बोलता है? तुम बहुत होशियार हो मुसाफिर मैं तुम्हारे उस यार से बहुत ज्यादा खुश हूं। बादशाह अकबर और बीरबल जो कि महेश दास थे अभी उनका नामकरण नहीं हुआ? वह सब उनके साथ मिलकर बादशाह अकबर और और रास्ते की तरफ जाने लग जाते आधा घंटे के बाद और रास्ते से बाहर निकल जाते हैं और रास्ता उनको दिख जाता है जब तक उनके बादशाह अकबर के सिपाही भी वहां तक आ जाते हैं और वह बादशाह अकबर को वहां पर बादशाह अकबर को ले जाने के लिए आ जाते हैं?
बादशाह अकबर जाते वक्त माता से बातें करता है और कहता है? हमारे महल में जरूर आइए। हम आपको इनाम देना चाहते हैं आपकी वजह से ही हम जंगल से बाहर निकल पाए हैं अगर आप ना होते तो शायद अभी भी हम जंगल में ही घूम रहे होते। महेश दास बादशाह अकबर को हां बोल कर वहां से निकल जाते हैं और बादशाह अकबर भी और महल में चले आते हैं?
अब हमारा तीसरा पार्ट होगा बादशाह अकबर को मिलने आएंगे बीरबल? जो कि हम अगले वीक में लिखने वाले तो प्लीज बने रहिए।
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